न डॉक्टर न इंजीनियर, पोहा बेचकर कमाते हैं 2 लाख महीना
रायपुर। शहर में एक ऐसा शख्स भी है जो न तो डॉक्टर है और न ही इंजीनियर। न तो इन्होंने एमबीए किया है और न कोई ऐसा कोर्स जिन्हें करने के बाद हर महीने लाखों कमाने के सपने दिखाए जाते हैं। ये हैं शहर में पोहे का ठेला लगाने वाले साहू जी जो महीने में 2 लाख रुपए तक कमा लेते हैं।
राजधानी के जयस्तंभ चौक में साहू जी रोज सुबह 6 से 10 बजे तक ठेला लगाते हैं, इनके ठेले पर न कोई नाम है और न कोई इश्तिहार। नए लोग यहां लगी भीड से अंदाज़ा लगाते हैं कि ये उन्हीं का ठेला होगा। इनकी प्रसिद्धि का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इनके ठेले पर पोहा खाने के लिए आने वाले लोग बाकायदा सेल्फी लेकर सोशल साइट्स पर शेयर करते हैं।
जोरापारा निवासी साहू यहां सालों से पोहे का ठेला लगा रहे हैं, पूछने पर कहते हैं अपना क्या है, सुबह 6 से 10 यहां पोहा बेचते हैं घर का खर्च निकल जाता है। वे बताते हैं कि उनके कई रिश्तेदार भी शहर के अन्य क्षेत्रों में यही काम करते हैं।
ऐसे कमाते हैं लाखों
इनकी दिनचर्या रोज सुबह 4 बजे शुरू होती है। घर पे पोहा तैयार कर सुबह 6-6:30 बजे ये चौक के पास ठेला लगाते हैं। वे रोजाना लगभग 20 किलो पोहा ये रोज बनाते और बेचते हैं। प्रति प्लेट 200 ग्राम के हिसाब से हर दिन करीब 400 प्लेट पोहा लोग चट कर जाते हैं। सालों से 20 रुपए प्रति प्लेट के हिसाब से ये पोहा बेचते हैं यानी दिन में करीब 8000 रुपए का पोहा वे बेचते हैं। लागत का खर्च घटाकर वे महीने में करीब 2 लाख रुपए कमाते हैं।
Meerabai.
रायपुर। शहर में एक ऐसा शख्स भी है जो न तो डॉक्टर है और न ही इंजीनियर। न तो इन्होंने एमबीए किया है और न कोई ऐसा कोर्स जिन्हें करने के बाद हर महीने लाखों कमाने के सपने दिखाए जाते हैं। ये हैं शहर में पोहे का ठेला लगाने वाले साहू जी जो महीने में 2 लाख रुपए तक कमा लेते हैं।
राजधानी के जयस्तंभ चौक में साहू जी रोज सुबह 6 से 10 बजे तक ठेला लगाते हैं, इनके ठेले पर न कोई नाम है और न कोई इश्तिहार। नए लोग यहां लगी भीड से अंदाज़ा लगाते हैं कि ये उन्हीं का ठेला होगा। इनकी प्रसिद्धि का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इनके ठेले पर पोहा खाने के लिए आने वाले लोग बाकायदा सेल्फी लेकर सोशल साइट्स पर शेयर करते हैं।
जोरापारा निवासी साहू यहां सालों से पोहे का ठेला लगा रहे हैं, पूछने पर कहते हैं अपना क्या है, सुबह 6 से 10 यहां पोहा बेचते हैं घर का खर्च निकल जाता है। वे बताते हैं कि उनके कई रिश्तेदार भी शहर के अन्य क्षेत्रों में यही काम करते हैं।
ऐसे कमाते हैं लाखों
इनकी दिनचर्या रोज सुबह 4 बजे शुरू होती है। घर पे पोहा तैयार कर सुबह 6-6:30 बजे ये चौक के पास ठेला लगाते हैं। वे रोजाना लगभग 20 किलो पोहा ये रोज बनाते और बेचते हैं। प्रति प्लेट 200 ग्राम के हिसाब से हर दिन करीब 400 प्लेट पोहा लोग चट कर जाते हैं। सालों से 20 रुपए प्रति प्लेट के हिसाब से ये पोहा बेचते हैं यानी दिन में करीब 8000 रुपए का पोहा वे बेचते हैं। लागत का खर्च घटाकर वे महीने में करीब 2 लाख रुपए कमाते हैं।
Meerabai.

Hello world !!
ReplyDeletejust share a wonderful smart working
If you like please share who need it.और मेरी तरफ़ से बोलो.. हम ये सोच के कुछ नही करते की ‘ क्या कहेंगे लोग‘ सब से बडा रोग क्या कहेंगे लोग
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Thanks..